दिवाली क्यों मनाया जाता है: जाने दीपावली के पीछे का चमत्कारी रहस्य

diwali history: देशभर में अगर कोई त्योहार का बेताबी से इंतजार कर रहा है, तो वह है दीपावली का त्योहार। दीपावली हिंदू धर्म में एक विशेष महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है, जिसे दीपोत्सव भी कहा जाता है। इस अवसर पर, लोग अपने घरों को दीपों और रंग-बिरंगी दीपावली पर सजाते हैं। इस दिन, मुख्य रूप से धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दीपावली के दिन, लोग आपस में मिठाईयां बाँटकर इस खास त्योहार का आनंद उठाते हैं।

  • कब है दिवाली’ 
  • दीपावली पर होती है मां लक्ष्मी की पूजा
  • जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है, और यही दिपावली का त्योहार होता है। यह माना जाता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी रात्रि में स्वयं भूलोक पर आकर्षित होती हैं और घर-घर में अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इसलिए दीपावली के दिन, घर, आंगन, और घर के आस-पास हर कोने को दीपकों से प्रज्वलित किया जाता है। आइए जानते हैं कि इस साल इस रोशनी के उपहार का त्योहार किस दिन मनाया जाएगा।


दिवाली क्यों मनाया जाता है?

diwali history: मान्यता है कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसलिए दीपावली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन, यश और वैभव सभी की प्राप्ति होती है, और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

diwali history

दिवाली इतिहास

diwali history: 500 ईसा वर्ष पूर्व की मोहनजोदड़ो सभ्यता के प्राप्त अवशेषों में मिट्टी की एक मूर्ति के अनुसार उस समय भी दीपावली मनाई जाती थी। उस मूर्ति में मातृ-देवी के दोनों ओर दीप जलते दिखाई देते हैं। * अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का निर्माण भी दीपावली के ही दिन शुरू हुआ था।

इस तारीख को मनाई जाएगी दिवाली

इस वर्ष, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 12 नवंबर को पड़ रही है। हिंदू धर्म में, किसी भी त्योहार का उदय तिथि के आधार पर मनाया जाता है, इसलिए दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। वास्तव में, 12 नवंबर 2023 को दीपावली दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी, और इसका समापन 13 नवंबर 2023 को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगा। इस आधार पर, आप 12 नवंबर को दीपोत्सव मना सकते हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त

उसी तरह, अगर हम 12 नवंबर को दीपावली के अवसर पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के शुभ मुहूर्त की चर्चा करें, तो शाम के 5 बजकर 40 मिनट से पूजा के शुभ मुहूर्त का आरंभ होगा, जो शाम के 7 बजकर 36 मिनट तक जारी रहेगा। वहीं, महानिशीथ काल का शुभ मुहूर्त देर रात के 11 बजकर 49 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। आमागोत्र से, मान्यता है कि अगर आप महानिशीथ काल मुहूर्त में भी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, तो घर-परिवार में अपार सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

(FAQs) Deepawali 2023


दीपावली का जन्म कब हुआ था?

500 ईसा वर्ष पूर्व की मोहनजोदड़ो सभ्यता के प्राप्त अवशेषों में मिट्टी की एक मूर्ति के अनुसार उस समय भी दीपावली मनाई जाती थी। उस मूर्ति में मातृ-देवी के दोनों ओर दीप जलते दिखाई देते हैं। * अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का निर्माण भी दीपावली के ही दिन शुरू हुआ था।

दीपावली का प्राचीन नाम क्या है?

दीपावली को दिवाली के नाम से जाना जाता है। दीपावली का प्राचीन नाम दीपोत्सव है। दीपोत्सव है का अर्थ दीपक के साथ उत्सव से है।

Sanjeet Kumar is a graduate of Journalism, Psychology, and English. Passionate about communication - with words spoken and unspoken, written and unwritten - he looks forward to learning and growing at every opportunity. Pursuing a Post-graduate Diploma in Translation Studies, he aims to do his part in saving the 'lost…

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